पाँच न्याय

नारी

किसान

श्रमिक

न्याय

भारत जोड़ो न्याय यात्रा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता राहुल गाँधी की भारत को जोड़े रखने की मुहिम है जिसमें न्याय के ज़रिये गरीब, मज़दूर, किसान, महिलाएँ, नौजवान, पिछड़ा वर्ग, दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक वर्ग की चुनौतियों और संघर्ष को समझने और उनके समाधान ढूँढने का प्रयास है.

यह यात्रा वर्तमान केन्द्र सरकार की ग़लत जनविरोधी नीतियों के ख़िलाफ़ शुरू की गई है, जिससे परेशान होकर हर वर्ग और पूरा देश ही ख़ुद को बदतर स्थिति में पा रहा है. युवाओं को रोज़गार नहीं मिल रहा, किसान खेती से पेट नहीं भर पा रहा है. देश के संसाधन और सरकार में चंद ही लोगों की हिस्सेदारी है. हर नागरिक की आवाज़ सुनने और उसके अधिकारों की रक्षा करने वाले संविधान को कम किया जा रहा है, जैसा कि हम मणिपुर में देख सकते हैं.

यात्रा का लक्ष्य है कि ऐसे तरीक़े निकाले जाएँ जिनसे हर एक भारतीय के साथ न्याय हो. हर नारी को सम्मान मिले, हर नौजवान के पास शिक्षा और रोज़गार के अवसर हों, हर किसान को उसकी मेहनत और फसल के सही दाम मिलें, हर मज़दूर को सही कमाई मिल सके, हर नागरिक के लिए पढ़ाई और दवाई की व्यवस्था हो. इस यात्रा का मक़सद है एक ऐसा भारत जहाँ संसाधन और संस्थाओं में हर वर्ग की हिस्सेदारी हो.

भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान राहुल गाँधी न सिर्फ़ लाखों की संख्या में लोगों से मिले, बल्कि हज़ारों से ज़्यादा लोगों की बातें भी उन्होंने ध्यान से सुनीं. कभी उनके पास जाकर, कभी उन्हें पास बुलाकर. कभी परिवारों से, कभी समूहों में. और उसके आधार पर ही उन्होंने किसानों के लिए स्वामीनाथन समिति की सिफ़ारिशों के मुताबिक़ न्यूनतम समर्थन मूल्य देने, जातीय जनगणना करवाने, 50 % आरक्षण की सीमा हटाने जैसी गारंटियों की घोषणा की है.

अगर आप भारत की विभिन्नता और समावेशी चरित्र के पक्षधर हैं, या फिर इनमें से किसी भी वर्ग से आते हैं, तो भारत की वर्तमान चुनौतियों से निपटने और साथ मिलकर साझा, प्रगतिशील, सौहार्द्रपूर्ण, सहिष्णु और शांतिप्रिय भारत के लिए की जा रही भारत जोड़ो न्याय यात्रा आपकी ही है. भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होने के लिए आप यहाँ क्लिक कर सकते हैं.